Tuesday 29 September 2015

फेसबुक दीवार पर प्रधानमंत्री का सुंदर मुखडा (हास्य व्यंग)

(इस लेख के घटनाक्रम और बातचीत फर्जी हैं, वास्तविकता से इनका संबंध नहीं है)

टिकनोलोजी का ज़माना है। बच्चा बच्चा इंटरनेट का दीवाना है। प्रधानमंत्री भी इस शमा के परवाने हैं (क्योंकि वे भी बच्चों की तरह भोले भाले हैं परंतु पीढ़ी का अंतर तो बहरहाल है।) यदि आप किसी 80 साल के बुजुर्ग को एप्पल का एस-6 फोन भी थमा दें तो वह उससे बातचीत करने के अलावा कोई और काम नहीं ले सकेंगे। परंतु एक किशोर छात्र नोकिया के अर्ध आधुनिक फोन से न केवल फेसबुक पर चला जाएगा बल्कि यूट्यूब, ट्विटर और वाट्स अप आदि डाउनलोड करने के बाद अपनी पसंद के वीडियो गेम्स भी खेलने लगेगा। ऐसा ही कुछ मोदी जी के साथ हो रहा है जिसे एक उदाहरण की सहायता से समझा जा सकता है।
कल्पना करें कि एक अमीर कबीर दामाद का ससुर जेठालाल पटेल अपने नवासे नानो पटेल से कहता है बेटे में ताज महल देखना चाहता हूँ। तेजतर्रार नानो जवाब देता है नानाजी इसमें कौन सी मुश्किल है। आप अहमदाबाद से दिल्ली की फ़्लाईट लीजिए और वहां से कार में बैठकर आगरा निकल जाइए। घर बैठे मैं आपके लिए इंटरनेट पर विमान का टिकट आवंटित करवा देता हूँ। आप को यदि खिड़की के पास बैठना है तो वह सीट या आप गलियारे के पास बैठना चाहते हैं तो वह सीट भी ऑनलाइन बुक हो जाएगी। बोर्डिंग कार्ड मैं छाप दूंगा आप लाइन में लगने की परेशानी से बच जाएंगे। अपनी पसंद का खाने का यहाँ बैठे बैठे आर्डर दे दिया जाएगा। आप विमान में मांस कटलेट भी खा सकते हैं क्योंकि पृथ्वी के प्रतिबंध आसमान की ऊंचाइयों पर लागू नहीं होते। एयरपोर्ट टैक्सी सेवा का भुगतान कर दूंगा ताकि एक ड्राइवर नाम की तख्ती ले कर आप का इंतजार करे। वह आगरा के पांच सितारा होटल में पहुंचा देगा। कमरा बुक कर दूंगा, और फिर ताजमहल की सैर करवाने के बाद वही चालक दिल्ली हवाई अड्डे ले आएगा। आप जैसे जाएंगे वैसे ही प्रसन्न चित्त लौट आएंगे।
जेठा भाई उम्मीद कर रहा था कि नवासा साथ चलेगा लेकिन जब उन्होंने देखा कि वह कन्नी काट रहा है तो बोले बेटा यह तो खासा जटिल काम है। यह सब मुझसे नहीं होगा हम लोग तो एक झोले में कपड़े भरकर ट्रेन में सवार हो जाते थे और रास्ते में ढोकला फापड़ा खाते हुए आगरा पहुंच जाते थे। इसके बाद किसी सराय में रात बिताई दिन में रिक्शा पर बैठ कर ताजमहल देखा और फिर वापस रेलवे स्टेशन आ गए। नवासे को यह जवाब सुनकर बहुत निराशा हुई वह बोला लेकिन नाना अब जमाना बदल गया है। उस समय आप मेरी तरह कड़ियल जवान थे अब नहीं हैं। ट्रेन में ऐसी भीड़ नहीं होती रही होगी जैसे कि अब होती है। इसलिए आप इस रोमांच से परहेज करें और खुद को ख्रतरे में न डालें। इसी में आपकी और हमारी भलाई है।
नाना ने कहा अगर वाकई जमाना बदल गया है तो क्या ऐसा हो सकता है कि मैं आगरा जाए बिना यहीं बैठे बैठे ताजमहल देख लूँ? नानो बोला क्यों नहीं यह भी संभव है। हमारे गूगल बाबा को आप क्या समझते हैं वह इस कमरे में बैठे बैठे ताजमहल के दर्शन करवा देंगे। जेठा भाई ने पूछा वह कैसे? नानो चहक कर बोला मैं गूगल अर्थ पर ताजमहल टाइप करूंगा तो सेटेलाईट कैमरा आगरा पहुंच जाएगा। इस तरह आप यहीं इस कंप्यूटर के पर्दे पर ताजमहल का नज़ारा कर लेंगे। वहाँ जो कुछ हो रहा है वह सब आप को दिखाई देने लगेगा। जेठा भाई ने सोचा यह तो जबरदस्त बात है फिर उन्हें विचार आया कि उनके मिठाई की दुकान के पड़ोस में जो लड़का चाय बेचा करता था वह आजकल प्रधानमंत्री बना हुआ है और सुना है वह भी खासा कंप्यूटर सेवी है। जेठा भाई ने अपने नवासे नानो को आदेश दिया कि वह मोदी जी का विशेष फोन नंबर मिलाए।
जेठा भाई पटेल की गरजदार आवाज मोदी जी तुरंत पहचान गए और बोले जेठा सेठ केम छो? जेठा बोला यह तुम्हारी आवाज़ को क्या हो गया? मोदी जी बोले यार बड़े अच्छे समय में तुम ने फोन किया। वह अपने हारदिक को समझाओ इस के कारण पटेल सुनते ही मेरे दिल की धड़कन तेज हो जाती है। मुझे डर है कि कहीं दौरा ना पड़ जाए। जेठा भाई प्यार से बोले अरे नरू तेरे पास दिल ही कहाँ है जो धड़के या दौरा पड़े तेरी तो बस 56 इंच की छाती है, जिस में हवा भरी रहती है। मोदी जी ने जवाब दिया वह भी ठीक है कहिये कैसे याद किया? कहीं तुझे मेरे हाथ की मसाले वाली चाय तो नहीं याद आ गई। जेठा लाल ने कहा नहीं भाई अब वह चाय हमारे नसीब में कहां जिसे ओबामा पीते हैं। मोदी जी बोले वो भी सही है, लेकिन मैं तेरे लिये वह परेशानी उठा सकता हूँ बशर्ते कि ........ में समझ गया जेठा लाल ने कहा हारदिक को मैं समझा दूंगा मोदी जी बोले अच्छा तो बोल कैसे याद किया?
जेठा लाल ने कहा मेरा एक नवासा है बिल्कुल तुम्हारी तरह, जो मन में आए कह देता है। आज कह रहा था कि मैं गूगल पर ताजमहल देख सकता हूँ? क्या यह सच है या बस यूं ही चुनावी जुमला है? मोदी जी बोले जेठा सेठ तुम्हारा नवासा बहुत बुद्धिमान है और सच बोलता है उसे मेरे पास भेज दे। जेठा लाल ने कहा, यदि ऐसा है तो मैं इसे नहीं भेज सकता। मोदी जी ने चौंककर पूछा क्यों? मैं उसे चाय की दुकान पर नहीं बुला रहा हूँ। तुझे तो पता ही है में प्रधानमंत्री बन गया हूँ। जेठा ने उत्तर दिया नहीं वह दूसरी बात जो तुम ने कही ना कि सच बोलता है, मैं चाहता हूँ कि आगे भी सच बोलने का सिलसिला जारी रहे इसलिए रोक रहा हूँ। मोदी बोले खैर कोई बात नहीं लेकिन यह सच है कि तुम गूगल अर्थ की मदद से आगरा जाए बिना ताजमहल देख सकते हो। गूगल प्रमुख सुन्दर पिचाई मेरा प्रशंसक है। मैं तुम्हें सीधे गूगल के न्यूयॉर्क कार्यालय में भेज दूंगा बल्कि अगर एक महीने रुक सको दिल्ली से सीधे सैन फ्रांसिस्को रवाना कर सकता हूँ। मैं ने पहली बार यह सेवा शुरू करवाई है। मैं तुम्हें पहला यात्री बना दूँगा जो मुफ्त में यात्रा करेगा। हमारा राजदूत हवाई अड्डे से तुम्हें गूगल कार्यालय में ले जाएगा और तुम वहाँ पर ताजमहल को देख लेना।
इस उदाहरण से समझा जा सकता है कि आजकल सरकारी स्तर पर टेक्नोलोजी का उपयोग कैसे हो रहा है। जो काम घर में बैठ कर करना चाहिए इसके लिए दुनिया भर की सैर की जा रही है। यही बात 'आप' के अरविंद केजरीवाल ने मोदी जी की यात्रा पर टिप्पणी करते हुए कही लेकिन उनसे पहले भाजपा के यशवंत सिंह भी यह कह चुके हैं कि अगर हम 'मेक इन इंडिया' के बजाय '' मैक इंडिया'' पर ध्यान दें तो हमें किसी के दरवाजे पर जाकर हाथ फैलाने की जरूरत नहीं होगी बल्कि लोग स्वतः लाइन लगाकर हमारे देश में निवेश करने के लिए आएंगे लेकिन यदि हम शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार और अन्य सुधार की ओर ध्यान नहीं दें तो लाख यात्राओं और बैठकों के बावजूद एक अतिरिक्त फूटी कौड़ी नहीं आएगी। प्रधानमंत्री की मेहनत के बिना जो निवेश होना है होता रहेगा।
मोदी जी ने गूगल के कार्यालय में जाकर पहले ताजमहल देखा लेकिन फिर उन्हें विचार आया होगा कि यह तो मुस्लिम राजा की यादगार है इसलिए वे बोले मुझे बनारस के घाट दिखलाओ। यह सवाल मोदी जी की बुद्धिमत्ता का प्रमाण है। मोदी जी के वाराणसी दौरे से पहले उनके चुनाव क्षेत्र का सौंदर्यीकरण शुरू हो जाता है इसलिए उन्हें न पानी में तैरते लावारिस शव नजर आते हैं और न कचरे के ढेर। गूगल मैप पर अचानक मोदी जी ने बनारस देखने की फरमाइश कर के स्वच्छ भारत अभियान की कलई खोल दी लेकिन भूल गए कि उस समय जो कुछ उन्होंने देखा उसका नजारा दुनिया भर के कई सारे लोगों ने किया और सब ने क्योटो के शैली में निर्मित होने वाले सपने की दुर्दशा देख ली।
बनारस के बाद मोदी जी ने कहा मैं पटना के पास खगोल नामक गांव देखना चाहता हूँ। यह नाम गूगल वालों ने पहली बार सुना था इसलिए वह परेशान हो गए। गूगल में कार्यरत बांके बिहारी ने कहा श्रीमान पटना देख लीजिए आप खगोल क्यों देखना चाहते हैं? मोदी जी बोले पटना में लालू का डंका बजता है मैं वह सुनना या देखना नहीं चाहता। तुम मुझे खगोल ले चलो। बांके बिहारी ने इस गांव का नाम भी नहीं सुना था इसलिए पूछा लेकिन खगोल में ऐसा क्या है जो आप उसे देखना चाहते हैं? मोदी जी बोले आप बिहार का इतिहास नहीं जानते। किसी जमाने में वहीं आर्य भट्ट की प्रयोगशाला थी और वह उस प्रयोगशाला में बैठ कर सितारों की चाल देखा करते थे। बांके बोला लेकिन श्रीमान यह तो बीते युग की बात है। अब तो वहां न आर्य भट्ट है न प्रयोगशाला  फिलहाल तो नीतीश कुमार ही नीतीश कुमार है।
मोदी जी बोले यह तुम मुझे बता रहे हो। नीतीश को हम अच्छी तरह जानते हैं वह नमक हराम हमारी मदद से ही तो मुख्यमंत्री बना था लेकिन अब जमाना बदल गया है। अब हमें उसकी जरूरत नहीं है। हम अपने बलबूते पर फिर बिहार में आर्य भट्ट की सरकार स्थापित करने जा रहे हैं। गूगल के प्रमुख सुन्दर पचाई ने आश्चर्य से पूछा क्या? क्या आप आर्य भट्ट को चिता से निकाल लाएंगे? मोदी जी बोले आप अमेरिका में आकर अपने धर्म सिद्धांत भूल गए। आप नहीं जानते हम लोग पुर्नजन्म में विश्वास करते हैं। मुझे विश्वास है कि आर्य भट्ट फिर से जन्म ले चुका है अब उसे खोजकर बिहार की गद्दी पर बैठाना शेष है सो मैं कर दूंगा।
फेसबुक का मार्क ज़ोकर्बरग जो बड़ी देर से चुप बैठा था बीच में बोल पड़ा। हाँ अगर ऐसा है तो आप उसके साथ एक सेल्फी लेकर फेसबुक पर डाल दीजिए। इसका भी काम हो जायेगा, आपका और मेरा भी। सुन्दर पचाई बोला लेकिन सेल्फी लेने के लिए उसे ढूंढना पडेगा वह कैसे होगा? मोदी जी बोले आसमान में उड़ने वाले जमीनी वास्तविकताओं नहीं जानते। बिहार के चुनावों की घोषणा हो चुकी है। मैं हर सप्ताह दो बार बिहार जाकर वहाँ के गली-कूचों में यह घोषणा करता फिरूँगा कि देखो में अमेरिका में जाकर भी बिहारियों को नहीं भूला। मैं ने वहां से आर्य भट्ट की प्रयोगशाला को गूगल के नक्शे पर देखा है ताकि चुनाव के बाद वहाँ अब्दुल कलाम के नाम पर एक प्रयोगशाला स्थापित की जाए। मुझे विश्वास है कि इस घोषणा को सुनकर कई आर्य भट्ट टिकट की लाइन में लग जाएंगे। बांके बिहारी को यह बात नागवार गुज़री वह बोला अब्दुल कलाम के नाम पर क्यों? आर्य भट्ट के नाम पर क्यों नहीं?
मोदी जी बोले तुम नहीं समझोगे। आर्य भट्ट का वंशज ब्राह्मण समाज हमारी मुट्ठी में है अब हमें मुसलमानों को निकट करना है। शाहनवाज हुसैन इस काम को बड़ी लगन से कर रहा है। उसी ने अब्दुल कलाम के नाम पर प्रयोगशाला स्थापित करने की सलाह दी है। सुंदर इस दौरान गूगल साइट पर आर्य भट्ट के बारे में पढ़ा चुका था वह बोला आर्य भट्ट का आविष्कार शून्य भी तो आखिर शून्य ही है। यह सुनकर बांके बिहारी की बिहारियत जाग उठी। राष्ट्रीय आहम से लिप्त बांके बिहारी ने कहा यह बात सही है कि अकेले शून्य का कोई महत्व नहीं है। अपने दाएँ अंक को भी वह प्रभावित नहीं करता लेकिन फिलहाल इसके दाएं ओर गूगल है इसलिए हर शून्य के जुड़ने से हमारे मूल्य में दस गुना वृद्धि हो जाएगी। बांके बिहारी के तर्क से खुश होकर सुन्दर बोला बांके मैं तो तुम्हें भी मोदी जी की तरह समझता था लेकिन तुम तो बड़े बुद्धिमान आदमी निकले।
मोदी जी ने कहा यही तो मैं कह रहा हूँ हम इस प्रयोगशाला को स्थापित करके उसके बाईं ओर एक के बाद एक शून्य जोड़ते चले जाएंगे जिससे बिहार का नाम भी गुजरात की तरह सारी दुनिया में रौशन हो जाएगा। ज़ोकर्बरग बोला लेकिन श्रीमान गुजरात का नाम कहां उज्ज्वल है? वहाँ तो शून्य तक का आविष्कार नहीं हुआ। मैं ने जब से आप के साथ हाथ मिलाया है लोग मुझे हाथ साफ करने वाली कीटनाशक दवाएं भेज रहे हैं ताकि मैं अपनी आस्तीन पर लगे गुजरात के मासूमों का खून धो सकूँ। मोदी जी मुस्कुरा कर बोले आप इन दंगों को भूल जाओ जैसा कि मैं भूल चुका हूँ और अगर कोई पूछ ले कि हाथ पर क्या लगा है तो कह देना यह सुंदर मेहंदी मोदी जी लगाकर गए हैं। ज़ोकर्बरग ने कहा लेकिन श्रीमान यह अमेरिका है? मोदी जी बोले इससे क्या फर्क पड़ता है। यह महबूब की मेहंदी है जो हर जगह रंग लाती है। ज़ोकर्बरग ने सोचा इन्हें समझाना मुश्किल है मैं टाट्टू कह दूँगा।
अहमदाबाद में नानो पटेल अपने नाना के साथ टीवी के सामने बैठा यह दृश्य देख रहा था। जेठा भाई ने पूछा नानो तुम क्या कर रहे हो? नानो बोला मोदी जी का भाषण देख रहा हूं? जेठा लाल ने बिगड़कर कहा भाषण तो सुनने की चीज़ होती है। नानो बोला जी नहीं नाना। मोदी जी के मन की बात तो सुनने के लिए होती है लेकिन अमेरिका में जाकर वे जो कुछ करते हैं वे तो देखने लायक होता है यह देखिए मोदी जी क्या कह रहे हैं। मैं तुम्हारे बीच खड़ा हूँ। आप लोग मुझे प्रमाणपत्र दीजिए। जेठा बोला इसमें आश्चर्य की क्या बात है नानो यह तो स्वाभाविक अपेक्षा है। नानो ने कहा कैसी बात करते हैं नाना जी सर्टिफिकेट कौन मांगता है शिक्षक या छात्र? मोदी जी अपने देश में शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक बन जाते हैं और विदेश में हाथ पसार कर अपने अज्ञानी भक्तों से प्रमाणपत्र मांगते हैं।
जेठा बोला जैसे चाय इसी को पिलाई जा सकती है जो उसके इछुक हो, उसी तरह प्रमाणपत्र भी इसी से मांगा जा सकता है जो उसे प्रदान कर सके। हम लोग अपनी मिठाई की दुकान उसी मेले में लगाते थे जहां वह बिकती थी। किसी जमाने में हम दोनों दशहरा के अवसर पर रामलीला भी हम उसी मुहल्ले में खेलते थे जहां दक्षिणा मिलती थी। कभी मैं राम बन जाया करता था और नरेंद्र रावण तो कभी नरेंद्र राम की भूमिका निभाता था और मैं रावण बन जाता था। यह दुनिया है दुनिया। यहाँ यही सब चलता है।
 नानो ने देखा मोदी जी टीवी के पर्दे पर मार्क ज़ोकर्बरग से गले मिल रहे हैं। उसने पूछा नाना जी यह अपके दोस्त मोदी जी बिदेस जाते हैं तो हर ऐरे गैरे नत्थू खैरे गोरे से लिपट जाते हैं। मैं ने उन्हें किसी भारतीय से गले मिलते नहीं देखा उसका क्या कारण है? जेठा इस सवाल पर गंभीर हो गया और आकाश की ओर देखने लगा। नानो ने कहा क्षमा नानाजी शायद आपको मेरी बात बुरी लगी इसलिये क्षमा मांगता हूँ। जेठा ने कहा नहीं बेटा ऐसी बात नहीं मुझे पता है अब यह जादू की झप्पी मेरा भाग्य नहीं बन सकती। नानो ने पूछा वह क्यों? जेठा ने कहा बेटे बात यह है कि हमारे विश्वास और सिद्धांत समय और स्थान के अनुसार बदल जाते हैं। एक दूसरे के प्रति हमारा व्यवहार भी बदलता रहता है। एक ज़माने में नरेंद्र मुझे चाय पिलाता था अब ओबामा को पिलाता है। गौ हत्या हमारे देश में हराम है लेकिन वही मांस अन्य देशों को निर्यात करके अजनबी लोगों को खिलाना वैध है।
नानो बोला लेकिन विकिपीडिया में तो मैं यह सब नहीं पढ़ा। नानो और नाना की बातचीत गंभीर होती जा रही थी। जेठा ने कहा पुत्र इस ज्ञान की अनुभूति तुम्हें गूगल बाबा नहीं करा सकते इसके लिए तुम्हें मनु बाबा का चरण सपर्श करना होगा। नानो ने पूछा मनु बाबा? उनका नाम तो मैं कभी नहीं सुना जबकि आए दिन टेलीविजन पर आसा राम बापू की तरह किसी न किसी बाबा बल्कि बाबी का नाम भी सुनाई देता है। जेठा ने चौंककर पूछा परवीन बॉबी तो कब की मर खप गई यह नई बॉबी कहां से आ गई। नानो बोला बॉबी मतलब बाबा की धर्म पत्नी। आजकल तो उनका चर्चा कुछ ज्यादा ही हो रहा है कभी राधा माँ तो कभी साध्वी प्राची, जब टीवी वालों को कोई नहीं मिलता तो वह उनके पीछे पड़ जाते हैं ख़ैर आप मनु भाई के बारे में बता रहे थे। जेठा लाल ने कहा कि यह मनु भाई तुम्हारे मुन्ना भाई की तरह फर्जी एमबीबीएस की डिग्री वाला नहीं है बल्कि यह इस विद्वान ने विश्व प्रसिद्ध शास्त्र मनु सम्रती की रचना की है। इस का ज्ञान प्राप्ति के लिए तुम्हें प्लेटो के बजाय चाणक्य का चेला बनना पडेगा। यह संस्कार तुम्हें संघ की शाखा में मिलेंगे जहां से प्रशिक्षण लेकर मेरा दोस्त प्रधानमंत्री बन गया।

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