Friday 15 April 2016

किसानों की समस्या: सरकार और न्यायालय

सामाजिक समस्याओं का समाधान सरकार का परम कर्तव्य है परंतु वर्तमान सरकार इस संदर्भ में संवेदनशील नहीं है इसलिएन्यायालय को बार बार हस्तक्षेप करना पडता है। वैसे सरकार भी न्यायपालिकाके काम काज में हस्तक्षेपकरतीहै परंतुजबकोईन्यायाधीषसरकारसेप्रभावितनहींहोताहैतोन्यायहोताहै वरनाअदालतसेभीन्यायकेबजायअन्यायहीमिलताहै।राजनीतिसेतोखोकलेनारोंकेसिवाकुछहाथनहींआता।प्रकृतिका नियम यहहैकिअगरशरीरकाएकअंगलकवाग्रस्तहोजाएतोउसकाकामकिसीनकिसीहदतकदूसराभाग करने लगताहैयहीकारणहैकिआजकलविधायिकाका काम भी न्यायपालिकाकोकरनापड़रहाहै।जन कल्याणकीसमस्याओंमें उसकीरुचिऔरहस्तक्षेपदिनप्रति दिनबढ़ताजारहीहै।
अभीहालमें12अप्रैल2016 कोचीफजस्टिसटीएसठाकुरकीअध्यक्षतावालीखंडपीठनेआरबीआईकीओरसे प्रस्तुत किए जाने वाली बड़ेऋणचोरोंकी सूचीके आधार परवित्तमंत्रालयकोनोटिसजारीकरतेहुएपूछाकिऋणवसूलीलिएक्याकदमउठाएजारहेहैं? शीर्षअदालतकीयहटिप्पणीएकमामलेकीसुनवाईकेदौरानकी, जिसमेंअखबारकेअंदरआरटीआईकेहवालेसेप्रकाशितएकसमाचारमेंसरकारपरविशवासकरनेकेबजायन्याय पालिका कोकदमउठानेकाअनुरोधकियागयाथा।
समाचारकेअनुसार29सरकारीबैंकोंने2013 से2015 केबीचलगभग2.18लाखकरोड़रुपयेकेऋणमाफकरदिए।आवेदकनेआरबीआईसेइनकंपनियोंऔरव्यक्तियोंकीसूचीसौंपेजानेका आग्रहकियाथा, जिनपरसार्वजनिकक्षेत्रकेबैंकों में 500करोड़रुपयेयाइससेअधिककाकर्जबकायाहै।आरबीआईकोसुप्रीमकोर्टने फटकारतेहुएकहाकिमामूलीउधारकर्तागरीबकिसानोंपरतोकड़ीकार्रवाईहोतीहै।उनसेऋणप्राप्तकरनेके लिएजमीनको कुर्कीकरकेबेचदियाजाता है जबकिहजारोंकरोड़रुपयेऋणलेनेवालेलोगअपनीकंपनियोंकोदिवालियाबताकरविदेशमें ऐशकरतेहैं। अदालतनेआरबीआईकोसख्तलहजेमेंइनमामलोंपरकड़ीनिगाहरखनेका आदेश दिया।
संविधानकीदृष्टिमेंएककिसानऔरएकपूंजीपतिकेअधिकारसमानहैं।देशमेंबड़ेपूंजीपतियोंकीसंख्याएकसालमेंमहाराष्ट्रकेअंदरआत्महत्याकरनेवालेकिसानोंसेभीकमहै।सरकारपूंजीपतियोंकेवोटसेनहींबल्किकिसानोंके मतसेबनतीहै।देशमेंचूंकिपूंजीवादीलोकतंत्रका चलनहैइसलिएसरकारमुट्ठीभरपूंजीपतियोंके हितों की खातिर किसानोंऔरमजदूरोंकाशोषणकरतीहै।जबकिबहुमतकेप्रतिनिधिकेरूपमें उसेश्रमिकजनताकेअधिकारोंका संरक्षक होना चाहिये।किसानोंकेसंदर्भ में सुप्रीमकोर्टनेएकसालकेअंदरयहदूसरीबारचिंताव्यक्तकीहै।31अक्टूबर2015 को  कोर्टनेकहाथा'' खुदकोकिसानदोस्तकहनेवालीकेंद्रसरकारकिसानोंकीआत्महत्याकेप्रतिगंभीरनहींहै।अदालतनेउससमयसरकारकीलापरवाहीदूरकरनेहेतुसमयपरहलफनामादायरनकरनेकेकारण25हजाररुपयेकाजुर्मानाभीलगायाथा।
उससमयअदालतकेसामनेनेशनलक्राइमरिकॉर्डब्यूरोकेआंकड़ेथेजिसकेअनुसार2014 में6हजारसेअधिककिसानोंनेआत्महत्याकीथीऔरयहसिलसिलाबदस्तूरजारीथा।इसमामलेमें21अगस्त2015 कोसुप्रीमकोर्टनेकेंद्रसरकारको4सप्ताहकेभीतरशपथपत्रदाखिलकरनेकाआदेशदियालेकिनसरकारने2महीनेबादभीहलफनामाप्रस्तुत नहींकियाजिसपरसखतनाराजगीव्यक्तकरते हुए कोर्टनेसरकारसेपूछा कि इसउद्देश्यकेलिएस्थापितएमएसस्वामीनाथनकमेटीरिपोर्टके190बिंदुओंपरसहमतिकेबावजूदइसेलागूकरनेमेंदेरीक्योंहोरहीहै? कोर्टनेअफसोसकेसाथकहागंभीरसंकट हैफिरभीस्वामीनाथनकमेटीकी सिफारिशोंकेकार्यान्वयनकेलियेबनाएगएसरकारीपैनलकीपिछले8वर्षोंमेंकेवल5बैठकें क्यों हुईं।जोसरकारसुप्रीमकोर्टकेनिर्देशपरकागजीकार्रवाईतककरनेमेंदेरीकरतीहोउससेकिसीठोसउपायकी अपेक्षाकरनाव्यर्थहै।
दोमहीनेपहलेफरवरीमेंसुप्रीमकोर्टनेखाद्यसुरक्षाअधिनियमकोलागूनकरनेपरकुछराज्योंकोकड़ीफटकारलगाईथी।अदालतनेकड़ेशब्दोंमेंसरज़निशकरतेहुए पूछा था किसंसदद्वारापारितकानूनकोआखिरगुजरातजैसेराज्यक्योंलागूनहींकरते? न्यायमूर्तिमदनबीलोकरकेनेतृत्ववालीखंड पीठनेकहाथाअखिरसंसदक्याकररहाहै? क्यागुजरातभारतकाअंशनहींहै? कानूनकहताहैकिवहपूरेभारतकेलिएहैऔरगुजरातहैकिइसेलागूनहींकरता है।कलकोईकहसकताहैकिवहआपराधिकअधिनियमऔरभारतीयदंडसंहिताकोलागूनहींकरेगा। इस केअलावासुप्रीमकोर्टने10फरवरीतककेंद्रसरकारकोसूखेसेप्रभावितराज्योंकीविस्तृतजानकारीप्रस्तुतकरनेकाआदेशभी दिया।सुप्रीमकोर्टनेअपनेआदेशमेंइनराज्योंमेंचलाईजानेवालीविभिन्नयोजनाओं, खाद्यसुरक्षाअधिनियमऔरमिडडेमीलकेबारेमेंहलफनामादाखिलकरनेकानिर्देशदियाथा।
देशकेअंदरजबसेनईसरकारकीस्थापनाहुईहैअकालकादौरदौराहै।महाराष्ट्र, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, राजस्थान, आंध्रप्रदेशऔरतेलंगानासहितनौराज्यसूखेकीचपेटमेंहैं।कईराज्योंमेंहालातइतनेखराबहोगएहैंकिलोगपीनेकेपानीकेकारणविस्थापनपर मजबूरहैं।ऐसेमेंयोगेंद्रयादवऔरप्रशांतभूषणकोजनहितयाचिकादायरकरकेमांगकरनापड़ाकिवहसूखेसेप्रभावितराज्योंकीजनताकोखाद्यसुरक्षाकानूनकेतहतअनाजउपलब्धकरानेकीखातिरकेंद्रसरकारको निर्देशजारीकरे। "स्वराजअभियान" नेराहतऔरपुनर्वासकेअन्यउपायोंकेलिएभीअदालतसेअनुरोधकियाकिवहकेंद्रको निर्देशदे।सवालयहउठताहैकियहएनजीओने जनहितकल्याणकी खातिरसीधेसरकार से संपर्क क्यों नहीं किया। उसेअदालतकेदरवाजेपरदस्तकदेनेकीअवश्यक्ताक्योंपड़ी?
 इसप्रशनकासीधाजवाबहैकिइसराष्ट्रीयसमस्याकीओरनतोराज्यसरकारेंध्यानदेतीहैंऔरन केंद्रसरकारउन्हें गंभीरतासे लेतीहै।केंद्रसरकारके अनुसारउसकीजिम्मेदारीकेवलसंसाधनप्रदानकरदेनाऔरनिर्देशजारीकरनेतकसीमितहैइसे कार्यवंतकरनाराज्यसरकारकाकामहै।अदालतइससेसहमतनहींउसकाकहनाहैकिदेशकेनौराज्यसूखेसेप्रभावितहैंइसलिएकेंद्रसरकारअपनीआंखेंबंदनहींरखसकती।इसगंभीरस्थितिसेनिपटनेकेलिएकेंद्रसरकारको आवश्यकउपायकरनेपड़ेंगे।सरकारकीउदासीनताके चलते अदालतनेकेंद्रकोएकदिनकेभीतरहलफनामादाखिलकरयहबतानेकानिर्देशदियाकिमहात्मागांधीराष्ट्रीयग्रामीणरोजगारगारंटीकानून (मनरेगा) सूखेसेप्रभावितराज्योंमेंकैसेलागूकियाजारहाहै? शीर्षअदालतनेसरकारसेयहभीजाननाचाहाकिइनराज्योंमेंवित्तकीआपूर्तिकैसेहोरहीहै?
सुप्रीमकोर्टकीइसफटकारकाभीकेंद्रसरकारपरकोईप्रभाव नहींपडा।दूसरेदिनसुनवाईमेंसरकारी वकीललगभग15मिनटदेरी सेपहुंचा।अतिरिक्तसॉलिसीटरजनरलकेइंतजारमेंखफाहोकरन्यायाधीशोंनेकहाकिइसमहत्वपूर्णमुद्देपरभीपर्याप्तगंभीरतादिखाईनहींदेती।क्यायहआपकीप्राथमिकतानहींहै? क्याहमयूंहीखालीबैठे रहें।क्याआपयहउम्मीदकरतेहैंकिहमकुछनकरें, समयकाटतेहुएहुएकेवलघड़ीकोदेखतेरहें? इसकेबादजोहलफनामादाखिलकियागया उसकेअनुसारकेंद्रसरकारनेवादाकियाकिवहएकसप्ताहकेभीतरमनरेगाकेतहतराज्यसरकारोंको11030करोड़देगी।अदालतकेदबावमेंसरकारकीओरसेइसभारीराशिकीआपूर्तिइसबातकाप्रमाण हैगरीबमजदूरोंकेइसअधिकारपरसरकारसांपबनकरबैठीहुईथी।इसनागदेवताकोवहांहटानेकीखातिरहीस्वराजअभियानवालोंकोअदालतकादरवाजाखटखटानापड़ाथा।अगरवेसीधेसरकारकेबिलमेंजातेतोवहअजगरउन्हेंभीनिगलजाता।
शीर्षअदालतनेजोस्पष्टीकरणमांगाथाइसकेजवाबमेंशपथपत्रकेअंदरदर्जथाकि2014.15 मेंमनरेगाकेतहतकामकरनेवालोंमेंसेकेवल27प्रतिशतकोउनकामेहनतानामिला परंतु73प्रतिशतलोगइसमजबूरीकीहालतमैंभी सहायतासेवंचितरहे।मनरेगापरराजनीतितोखूबहुईपहलेउसेपिछलीसरकारकीविफलताकरारदेकरमजाकउड़ायागयाफिरविफलताकी यादगारकेरूपमेंजारीरखनेकासंकल्पकियागया।मनरेगाकामुख्यउद्देश्य थाकिमजदूरकोउसीशाममजदूरीचुकाईजातीथीलेकिननईसरकारकेआने के बादयहहालतहोगईकिमजदूरको3महीनेतकइंतजारकरनापड़ताथा।ऐसेमेंसवालउठताहैकिकोईमजदूरभलाइसयोजनामेंकामहीक्योंकरे? औरअपनीमजदूरीपानेतकजीवितकैसेरहे? दूसरेसालयानी2015 .16मेंथोड़ासुधारहुआफिरभीकेवल45प्रतिशतकोउनकीमजदूरीसमयपरमिली55प्रतिशतवंचितहीरहे।
 ग्रामीणविकासमंत्रीबिरेन्दरसिंहनेस्पष्ट किया कि महात्मागांधीग्रामीणरोजगारगारंटीअधिनियमकेकार्यान्वयनकेसंबंधमेंराज्योंको12230करोड़रुपएजारीकिएगएहैं।उन्होंनेयहभीबतायाकिइसराशिसेराज्योंकीनिलंबितमजदूरीका बकायानिपटायाजाएगातथानएवित्तवर्षकेदौरानराज्योंकोमददमिलेगी।हलफनामेकेअनुसार7983करोड़रुपयेकीराशिराज्योंकी बकायाहैऔर2723करोड़रुपयेसे सूखेकाशिकारराज्योंमेंमनरेगाकेतहतकामकरनेवालेमजदूरोंकोअधिक50दिनकारोज़गारमिल सकेगा। अदालतनेवादोंपरकटाक्षकरतेहुएकहाकिनईमजदूरी कास्वपनछोड़िएपहलेपुरानाभुगतानसुनिश्चित कीजिए।क्याआपचाहतेहैंअन्यराज्योंकेमजदूरइंतजारकरेंकिजबउनकाराज्यकोसूखाप्रभावितघोषित होगातबवहअतिरिक्तमजदूरीकेलिएआपकेपासआसकेगा।
सार्वजनिकमुद्दोंकेप्रतिसरकारकीउदासीनताकेएकप्रतीकमहाराष्ट्रमेंआईपीएलकाआयोजनहै।पिछलेसप्ताहमहाराष्ट्रमेंआईपीएलकीमेजबानीकेखिलाफएकगैरसरकारीसंगठन'लोकसत्तामूवमेंट' केजनहितयाचिकाकीसुनवाईकेदौरानमुंबईहाईकोर्टनेमहाराष्ट्रक्रिकेटएसोसिएशन (एमसीए) औरबीसीसीआईसेकहाकिराज्यकेसूखाप्रभावितक्षेत्रोंसेइंडियनप्रीमियरलीग (आईपीएल) मैचोंकोस्थानांतरितकरदें।हाईकोर्टनेएमसीएसेकहाकिजलसुरक्षाटूर्नामेंटकेआयोजनसेकहींअधिकमहत्वपूर्णहै, खासकरऐसेसमयमेंजबराज्यपानीकीगंभीरकमीसेत्रस्तहै।आपलोगइसतरहपानीकैसेबर्बादकरसकतेहो।जनतामहत्वपूर्णहैंयाआईपीएलमैच? आपइतनेबेपरवाहकैसेहोसकतेहो? '' नागरिकों के हितों की सुरक्षासरकारकाकामथालेकिनजबवहविफल हो गई तोमजबूरनअदालतकोमैदानमेंआनापड़रहाहै।
इसअवसरपरसवालउठताहैकिअगरसरकारअपना कामनहींकररहीहैतोकर क्या रहीहै? इसबाबतकुछमहीनेपहलेमहाराष्ट्रकीराज्यसरकारपरयहगंभीरआरोपलगाथाकिउसनेविदर्भकेकिसानोंकल्याणके लिएआवंटितराशिकाकुछहिस्साकोरियाईनर्तकोंपरखर्चकरदिया था।इससालमहाराष्ट्रके3200सेअधिककिसानआत्महत्याकरचुकेहैंजोपिछले14सालोंमेंसबसेअधिकसंख्या हैइसकेबावजूदमुख्यमंत्रीकोकिसानोंकीसमस्याओंकोहलकरनेकेबजाए''भारतमाताकीजय'कानारालगारहेहैंऔरजनताकोधोखादेनेके लिएघोषणा कररहेहैंकिअगरमुझेमुख्यमंत्रीपदसेहाथधोनापड़ातबभी मैं बाजनहींआउंगा।देवेंद्रफडनवीसकीइसमूर्खतापूर्णराजनीतिकासबसेअच्छाजवाबकट्टरराष्ट्रवादीपार्टीऔरभाजपाकीसहयोगीशिवसेनाके नेताउद्धवठाकरेनेदिया।
अपनेसमाचार पत्र सामनाकेसंपादकीयमेंउन्होंनेलिखाकिवर्तमानमेंभारतमाताकीजयपरराजनीतिजोरोंपरहै।मुझेखुशीहोतीअगरफडनवीस कहतेकिवहमहाराष्ट्रकेहरघरमेंपानीपहुंचाएंगेयाइस्तीफादेंगे।उद्धवठाकरेनेकहानारालगानेके लिए मनुष्यकाजीवितरहनाअवश्यक है।भारतमाताकेसुपुत्रपानीकी बूंद बूंद कोतरसरहेहैंऔरएकदूसरेकेखूनकेप्यासेहोरहेहैं।उन्होंनेयाददिलायाकियुवाअन्यायकेखिलाफहथियारउठाकरनक्सलवादीबनजातेहैं।क्यामराठवाड़ाकेयुवाओंकोएकघूंटपानीकेलिएआतंकवादीबनजानाहोगा? अगरऐसाहोगयातोभारतमाताकानाराव्यर्थहोजाएगा।यदिभारतकेलोगखुशनहींहोंगेतोभारतमाताकभीभीखुशनहींहोसकती।भारतमाताकीजयदरअसलजनताकीजयहै परंतुजनताकेपासपीनेकेलिएपानीनहींहै।जानवरमररहेहैंऔरखेतकब्रिस्तानबनतेजारहेहैं।उन्होंनेकहाकियहभारतमाताकेसपनोंकामहाराष्ट्रनहींहै।मुख्यमंत्री (मैदानछोड़करभागनेकेबजाय) अपनीकुर्सीपरविराजमानरहिएमगरहरघरमेंपानीपहुंचाइए।क्याउद्धवठाकरेनहींजानतेकिजबसरकारेंअपना कर्तव्य निभानेमेंअसफलहोजातीहैंतोइसतरहकेभ्रामकनारेलगातीहैं।
 इसअवसरपरडेढ़सालपहले10अक्टूबर2014कोदीजानेवालीसर्वोच्चन्यायालयकीटिप्पणीयादआतीहैजबकिउसनेनईनवेलीकेंद्रसरकारकीलापरवाहीसेनाराजहोकरबेहदकटुतापूर्वक स्वर मेंसरकारकी तुलनारावण केभाईकुंभकर्णऔरइरविंगवाशिंगटनकी प्रसिद्धकहानीके काम चोर चरित्ररिप वैन विंकलसेकीथी।पर्यावरणके मामलोंमेंलापरवाहीोंसेनाराजसुप्रीमकोर्टकेजस्टिसदीपकमिश्राऔरआरएफनरीमनपर्यावरणमंत्रालयपरजमकर बरसेथे।न्यायालयनेकहाथा'' केंद्रसरकारकुंभकर्णकीनींदसोईहुईहैऔररिपवैनविंकलकेभांतिकाम कर रहीहै''उत्तराखंडकीअलकनंदाऔरभगीरथीनदियोंमें24पनबिजलीनिर्माणपर आपत्तीजनक शिकायत पर यह विचार व्यक्त किए गए थे।अदालतनेकहाथाकिहमेंबिजलीकीजरूरतहैलेकिनइसकापर्यावरणतत्वोंयानीमछलियोंऔरअन्यजलीयप्राणियोंकेसाथसंतुलनहोनाचाहिए।
अदालतनेउक्तनिर्माणय़ोजना पररोकलगाकरएक13सदस्यीयतकनीकीविशेषज्ञोंकीसमितिकागठनकियाऔरसरकारकोदोमहीनेकेभीतररिपोर्टप्रस्तुतकरनेकोकहालेकिनसरकारपरंपराके अनुसार उक्तरिपोर्टप्रस्तुतकरनेमेंअसफलरही।इससमितिमेंदोसरकारीअधिकारियोंसहितशेष11सदस्योंकीसर्वसम्मतरायथीकियहयोजनाहानिकारकहै।सरकारीसंस्थाएनटीपीसीनक्शाबदलनेकेलिएतैयारथीइसकेबावजूदसरकार3महीनेतकरिपोर्टपरकोईफैसलानहोसकाऔरदैनिक9करोडकेहिसाबसेअंबानीकीएलएंडटीकोबिनाकिसीकामकेभुगतानहोता रहा।इसमौकेपरजजनेस्वीकारकियाथाकिइसतरह के मामलेसरकारकेकार्यक्षेत्रमेंआतेहैंऔरअदालतइसअवांछितहस्तक्षेपसेखुशनहींहै।
इसयादगारनिर्णयकाकुंभकर्णतोकमसेकम6महीनेकेबादजागजाताथालेकिनयहसरकारअपनेदोसालपूराकरनेजारही है परंतु अदालतकेसारे प्रयतेनोंके बावजूदस्वप्न रंजित हैकदापि आगला चुनावपरिणामहीउसेनींदसेजगानेमें सफल हो सकेगा।सुप्रीमकोर्टनेसरकारकीतुलना19वें शतक को जिसआलसीऔरअयोग्यनायकरिपवानविंकल सेकीथी वह इस सरकार का पूर्वज लगता है।रिवैनसपनेऔरकहानियांसुनाने केकारणबच्चोंमेंबहुतलोकप्रियथालेकिनअपनेखेतऔरघरकीदेखरेखपरध्याननहींदेताथाइसलिएपत्नीकेअभिशापकाशिकाररहताथा।

एकदिनइसमुसीबतसेबचनेकेलिएवहदूर के पहाड़ोंपरचलागयाजैसाकिआजकलहमारेराजनीतिज्ञविदेशीदौरोंपरनिकलजातेहैं।वहाँउसनेएकबुजुर्गकोदेखाजोबांसुरी बजारहेथे।वहउस मेंखोगयाऔरसोगया।रिपवैनजबनींदसेजागातोउसकीदाढ़ीकईफुटलंबाहोचुकीथी।वहजबवापसअपनेघरआयातोउसकेयुग के सारेलोगपरलोक सिधारचुकेथे।इसकानवजात बेटाअधेड़होचुकाथाऔरअमेरिकाकेअंदरक्रांतिआचुकीथीकिंगजॉर्ज3 केबजायजॉर्जवाशिंगटनसत्तासीनहोचुकेथे।वैसेतोसुप्रीमकोर्टने'' होनहारभरवांके चिकनेचकनेपात'' देखकरसमकालीनसरकार को पालने ही में डेढ़सालपहलेपहचान लियाथा और उसका संकेत दे दिया थालेकिनअगरवहऐसानहींभीकरतातब भीसमयकेसाथदेशकिजागरूकजनतापर शाक्षातकार हो जाता किवहकौनपाईडपाईपरहैजोअपनीजादुईशहनाईसेअपने आज्ञाकारीचूहोंकोविनाशकेकगारपरलिएचला जारहाहै?

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